पौराणिक कथाएँ, व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र, गीता ज्ञान-अमृत, श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ने के हमारा लोकप्रिय ऐप्प “प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प” डाउनलोड करें.
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रावण के वध के बाद अयोध्यापति श्रीराम ने राजपाट संभाल लिया था और प्रजा रामराज्य से प्रसन्न थी. एक दिन भगवान महादेव की इच्छा श्रीराम से मिलने की हुई.
पार्वती जी को संग लेकर महादेव कैलाश पर्वत से अयोध्या नगरी के लिए चल पड़े. भगवान शिव और मां पार्वती को अयोध्या आया देखकर श्रीसीतारामजी बहुत खुश हुए.
माता जानकी ने उनका उचित आदर सत्कार किया और स्वयं भोजन बनाने के लिए रसोई में चली गईं. भगवान शिव ने श्रीराम से पूछा- हनुमानजी दिखाई नहीं पड़ रहे हैं, कहां हैं?
श्रीराम बोले- वह बगीचे में होंगे. शिवजी ने श्रीरामजी से बगीचे में जाने की अनुमति मांगी और पार्वतीजी के साथ बगीचे में आ गए. बगीचे की खूबसूरती देखकर उनका मन मोहित हो गया.
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