jai shree sita ram
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यह रामायण की क्षेपक कथा है. क्षेपक कथाएं मुख्य कथाओं के ईर्द-गिर्द भूमिका बनाए रखने और उन्हें प्रचारित करने में सहयोग के लिए प्रयोग की जाती रही हैं. ये प्रमाणिक हो न हों, पर रूचिकर होती हैं.

एक बार जानकी अपनी सखियों के साथ मनोरंजन के लिए महल के बाग में गईं. उन्हें पेड़ पर बैठे तोते का एक जोड़ा दिखा.

दोनों तोते आपस में सीता के बारे में बात कर रहे थे. एक ने कहा-अयोध्या में एक सुंदर और प्रतापी कुमार हैं जिनका नाम श्रीराम है. उनसे जानकी का विवाह होगा.

श्रीराम ग्यारह हजार वर्षों तक इस धरती पर शासन करेंगे. सीता-राम एक दूसरे के जीवनसाथी की तरह इस धरती पर सुख से जीवन बिताएंगे.

सीता ने अपना नाम सुना तो दोनों पक्षी की बात गौर से सुनने लगीं. उन्हें अपने जीवन के बारे में और बातें सुनने की इच्छा हुई. सखियों से कहकर उन्होंने दोनों पक्षी पकड़वा लिए.

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