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अद्भुत प्रभाव वाला है यह सिद्ध कुंजिका स्तोत्रः
सिद्धकुंजिका स्तोत्र को आप पावरहाउस समझ सकते हैं. यदि विधि-विधान से इसकी सिद्धि कर ली तो आपमें बहुत से चमत्कारी प्रभाव दिखने लगेंगे. मात्र 21 दिनों में इसकी साधना की एक सरलतम विधि जानिए.
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र की साधना किसी भी नवरात्रि से या किसी भी माह की दुर्गाष्टमी से शुरू की जा सकती है.
-प्रातः उठकर स्नान आदि के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें. कोई लाल वस्त्र जरूर रखें.
-आसन बिछाकर पूर्व दिशा की मुंह करके बैठ जाएं और सामने भगवती का कल्याणकारी चित्र स्थापित कर दें जिसमें माता शेर पर सवार हैं.
-फिर दुर्गा यंत्र यदि हो तो उसे जल से स्नान कराकर, विधिवत पूजा करके स्थापित कर दें.
-उस पर कुंकुम, अक्षत, लाल पुष्प चढाएं, घी का दीपक व धूपबत्ती लगा देँ.
-फिर सिद्ध कुंजिकास्त्रोत्र का रोज 108 बार पाठ लगातार 21 दिन तक करें.
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-फिर 21वें दिन पाठ समाप्त कर एक, तीन, पांच या नौ कुमारी कन्याओं को भोजन कराएं और यथोचित वस्त्र दक्षिणा आदि दें.
-साधना के दौरान पूर्ण ब्रह्मचर्य(मन से, वचन से और कर्म से) का पालन करना होता है.
-तामसी भोजन बिल्कुल न करें. जैसे लहसुन, प्याज और मसूर की दाल.
-बिस्तर पर न सोएं. चटाई या दरी बिछाकर भूमि पर ही सोना चाहिए.
-प्रतिदिन प्रातःकाल सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रम् का पाठ कराने से सभी प्रकार के विघ्न– बाधा नष्ट हो जाते हैं व परम सिद्धि प्राप्त होती है. यदि किसी पर मारण, मोहन, वशीकरण, आदि का प्रयोग हुआ है तो वह उससे मुक्त हो जाता है.
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सिद्ध कुंजिका स्तोत्र हम नीचे दे रहे हैं लेकिन आप मोबाइल पर इसे देखकर पाठ करने के स्थान पर बाजार से दुर्गासप्तशती ग्रंथ ले लें. पहले पुस्तक की भी विधिवत पूजा करें और फिर पाठ करना ही उत्तम होता है.
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पढ़ें अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.
Shivling Poojan vidhi
अति उत्तम प्रश्तुति
Jai mata di very nice advice