jay gopal krishna

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पहले बछड़ों को जल पिलाया गया फिर और सबने स्वयं भी पिया. ग्वालबालों ने देखा कि तालाब के किनारे एक बहुत बड़ा बगुला बैठा उन लोगों को ही देख रहा है.

उसका शरीर इतना विशाल था जैसे लगता था कि इन्द्र के वज्र के प्रहार से किसी विशाल पर्वत से कोई बड़ा पहाड़ का टुकड़ा कटकर गिरा हो. ग्वालबाल उसे देखकर डर गए.

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