पौराणिक कथाएँ, व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र, गीता ज्ञान-अमृत, श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ने के हमारा लोकप्रिय ऐप्प “प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प” डाउनलोड करें.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
[sc:fb]
हनुमान सीताजी को खोजते अशोक वाटिका पहुंचे. उन्होंने माता का कुशलक्षेम पूछा, स्वामी का संदेश दिया और माता की आज्ञा से वाटिका के फल खाए.
अब रामदूत आएं और शत्रु को आने का आभास न कराएं, उसके मन में प्रभु का भय न पैदा करें, ऐसा कैसे संभव था?
हनुमानजी ने वाटिका में इतना उत्पात मचाया कि रावण ने अपने परमवीर पुत्र अक्षय कुमार को हनुमानजी को पकड़ने भेजा.
अक्षय कुमार बजरंग बली के हाथों मारा गया. अक्षय जैसे वीर का वध एक वानर ने कर दिया, यह सोचकर रावण घबरा गया.
उसने इंद्रजीत को हनुमानजी को पकड़ने भेजा. इंद्रजीत को भी हनुमानजी ने नाकों चने चबवा दिए.
हारकर उसने पवनसुत पर ब्रह्मास्त्र चलाया. ब्रह्मास्त्र का मान रखने को हनुमान उसमें बंध गए.
उन्हें रावण के दरबार में लाया गया. एक झटके में ही उन्होंने खुद को ब्रह्मास्त्र से मुक्त कर लिया.
रावण ने इंद्रजीत को हनुमानजी का वध करने को कहा लेकिन विभीषण ने कहा कि दूत का वध करना पाप है. बौखलाए रावण ने उनकी पूंछ में आग लगाने की सजा दी.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.