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रामबाण है द्वादश नाम जपः
हनुमानजी ने अपने प्रभु श्रीराम के वे कार्य सिद्ध किए जो असंभव जैसे ही थे. प्रभु पर जब भी संकट आए चाहे माता सीता की खोज हो या संजीवनी बूटी का आवश्यकता, हनुमानजी ने ऐसे कठिन कार्य सिद्ध किए. श्रीराम ने उन्हें आशीर्वाद दिया है कि अगर हनुमानजी का स्मरण करके कठिन कार्य किया जाए तो वह सरल हो जाएगा.
यदि आप लगातार किसी कार्य को करने में असमर्थ हो रहे हैं और वह कार्य ऐसा है जिसमें कोई बुरी भावना नहीं और जिससे दूसरों का कल्याण हो सकता है तो आपको हनुमानजी के द्वादश(बारह) नाम जप करके उसे आरंभ करना चाहिए. एक माला जप लें.
मंगलवार को इसका जप अवश्य करना चाहिए.आप दिन में जब भी मौका लगे जितना संभव हो इन नामों का जप करें. हनुमानजी की भक्ति में एक खास बात यह भी है कि उनकी पूजा के लिए विशेष प्रयोजन की जरूरत नहीं होती. आप सफर में हो या विश्राम कर रहे हों-प्रभु के 12 नामों का पाठ मन में या उच्च स्वर में पाठ करे.
हनुमानजी की भक्ति निष्काम है इसलिए उन्हें प्रसन्न करने से सभी देवताओं की कृपा मिल जाती है.
हनुमानजी प्रसन्न होते हैं उनके 12 नामों के जप से क्योंकि उन नामों में हनुमानजी के आराध्यों के नाम हैं.
1. हनुमान
2. अंजनीसुत
3. वायुपुत्र
4. महाबल
5. रामेष्ट
6. फाल्गुण सखा
7. पिंगाक्ष
8. अमित विक्रम
9. उदधिक्रमण
10. सीता शोक विनाशन
11. लक्ष्मण प्राणदाता
12. दशग्रीव दर्पहा
नामजप किस प्रकार होना चाहिए और किस कार्य में इसका क्या लाभ होता है यह भी जानना जरूरी है. आइए जानते हैं द्वादश नामजप से जुड़ी जरूरी बातें.
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