हनुमानजी ने भगवान श्रीराम का वह कार्य सफल किया जो कोई और नहीं कर पा रहा था. भगवान राम, देवी सीता और शिवजी के आशीर्वाद से हनुमानजी संकट मोचन हैं. सभी कष्टों का निवारण करने वाले हैं. राहु से सूर्यदेव का उद्धार किया. शनिदेव को रावण के कारावास से मुक्ति दिलाई. इसलिए देवताओं तक भयभीत रखने वाले शनिदेव हनुमत भक्तों पर कोप नहीं करते.

मंगलवार को इसका जप अवश्य करना चाहिए.आप दिन में जब भी मौका लगे जितना संभव हो इन नामों का जप करें. हनुमानजी की भक्ति में एक खास बात यह भी है कि उनकी पूजा के लिए विशेष प्रयोजन की जरूरत नहीं होती. आप सफर में हो या विश्राम कर रहे हों-प्रभु के 12 नामों का पाठ मन में या उच्च स्वर में पाठ करे.

हनुमानजी की भक्ति निष्काम है इसलिए उन्हें प्रसन्न करने से सभी देवताओं की कृपा मिल जाती है. हनुमानजी प्रसन्न होते हैं उनके 12 नामों के जप से क्योंकि उन नामों में हनुमानजी के आराध्यों के नाम हैं.

1. हनुमान
2. अंजनीसुत
3. वायुपुत्र
4. महाबल
5. रामेष्ट
6. फाल्गुण सखा
7. पिंगाक्ष
8. अमित विक्रम
9. उदधिक्रमण
10. सीता शोक विनाशन
11. लक्ष्मण प्राणदाता
12. दशग्रीव दर्पहा

नाम जप के लाभः

– नित्य नियम से नाम लेने से इष्ट की प्राप्ति होती है.
– दोपहर में नाम लेनेवाला धनवान होता है.
-दोपहर से संध्या के बीच नाम लेने से पारिवारिक सुखों की प्राप्ति होती है.
– रात को सोते समय नाम लेने शत्रुओं पर जीत मिलती है.

उपरोक्त समय के अलावा अन्य समयों पर हनुमानजी के बारह नामों का निरंतर जप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमानजी दसों दिशाओं एवं आकाश पाताल से रक्षा करते हैं. लाल स्याही वाले नए कलम से मंगलवार को भोजपत्र पर इन बारह नामों को लिखकर मंगलवार के दिन ताबीज बांध लेने से कभी ‍सिरदर्द नहीं होता.

संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली

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