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भागीरथ गंगा को धरती पर ले आए. लेकिन उनके अक्षय जल को कहां रखा जाए यह समस्या थी. गंगा के समुद्र में विश्राम का प्रबंध हुआ.
समुद्र का सारा जल अगस्त्य मुनि ने पी लिया था इसलिए सागर सूख गया था. गंगा के सागर में आने से सागर भी फिर से संपन्न हो गया.
अगस्त्य मुनि ने देवताओं की प्रार्थना पर सागर का जल पीकर उसे सुखाया था. ऐसा देवताओं और ऋषियों की कालकेय दैत्यों से रक्षा के लिए जरूरी था.
अगस्त्य ऐसे तेजस्वी थे कि सूर्य व चंद्र को दक्षिण जाने के लिए उन्होंने मार्ग बनाया था. स्वयं श्रीराम ने रावण को परास्त करने के लिए अगस्त्य की सहायता ली थी.
सागर को सोखने की कथा से पहले यदि अगस्त्य के जीवन की कथा से सुनें तो रस आएगा. अगस्त्य संसार के प्रथम टेस्टट्यूब बेबी कहे जा सकते हैं.
वेदों में अगस्त्य के जन्म की कथा का मजाक उड़ा दिया जाता है लेकिन टेस्ट ट्यूब बेबी के युग में लोग ऐसा करते हैं, तो उनकी बुद्धि पर तरस आता है.
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