हमारा फेसबुक पेज लाईक करें.[sc:fb]
मंत्री विपश्चित ने इतनी कथा सुनाकर कहा- हे ब्राह्मण श्रेष्ठ फिर वैश्य विश्वंभर यानी हमारे आज के राजा पुष्कर नगरी गए और वहां पर नीले रंग के उत्तम वृष का वृषोत्सर्ग संपन्न करवाया. दिव्य सुखों को भोगने के बाद उसी वैश्य का अगला जन्म राजकुल में हुआ.

आपने नगर में जो विचित्र दृश्य देखा उसके बारे में बताता हूं. आपने जो सुंदर और दिव्य स्वरूप लोग देखे वे वह लोग हैं जो उस वृषोत्सर्ग के समय वहां उपस्थित थे. जिन-जिन लोगों पर वृष की पूंछ से फेंके गए जल के छींटे पड़े वे देवों जैसे दिव्य हो गए.

जिन्होंने इस वृषोत्सर्ग को देखा वे धनवान हो गए और जिन्होंने वृषोत्सर्ग की आलोचना की थी वे फटेहाल हो गए. जिन्होंने वह आलोचना सुनी वे निर्धन और निस्तेज हुए. पूर्वजन्म का यह सारा वर्णन मैंने ऋषि पराशर से सुना था.

आपकी शंका का समाधान हो गया हो तो कृपा कर अब आप घर लौट जायें. इसके बाद वे चारों नवयुवक आश्चर्य से भरे धर्मवत्स को उसकी दक्षिणा समेत सकुशल उसके घर पहुंचा आए.

यह कथा सुनाकर वशिष्ठजी ने वीरवाहन को समझाया- यदि आप यमराज से भयभीत हैं और नरक से डरते हैं तो वृषोत्सर्ग कर लें. यही उपाय उत्तम रहेगा.

गरूड की शंका का समाधान होने लगा था. भगवान श्रीकृष्ण ने आगे कहा- वीरवाहन ने इसके बाद मथुरा नगरी जा कर उत्तम वृष का विधि विधान से वृषोत्सर्ग कराया. अपने नगर लौटकर सुखपूर्वक राज करने लगा. जब वह मरा तो यमदूत उसे ले चले.

जब यमदूत कुछ दूर निकल आये तो राजा वीरवाहन ने पूछा कि कृपया यह बताये कि श्राद्धदेव की पुरी कहां पर है. यमदूत बोले- महाराज हम कालपुरी जा रहे हैं.

यमदूत उन लोगों को श्राद्धदेवपुरी ले आते हैं जिनके धर्माधर्म की गणना धर्मदेव को करनी होती है और उसके आधार पर उनके नरक की व्यवस्था होती है. वह स्थान पापी लोगों के लिए है. आप जैसे पुण्यात्माओं का वहां क्या काम.
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

2 COMMENTS

    • आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
      आप नियमित पोस्ट के लिए कृपया प्रभु शरणम् से जुड़ें. ज्यादा सरलता से पोस्ट प्राप्त होंगे और हर अपडेट आपको मिलता रहेगा. हिंदुओं के लिए बहुत उपयोगी है. आप एक बार देखिए तो सही. अच्छा न लगे तो डिलिट कर दीजिएगा. हमें विश्वास है कि यह आपको इतना पसंद आएगा कि आपके जीवन का अंग बन जाएगा. प्रभु शरणम् ऐप्प का लिंक? https://goo.gl/tS7auA

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here