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एक बार राजा भोज बिना सूचना दिए अपनी रानी के महल में अंतरंग कक्ष में प्रविष्ट हो गए. वहां पर रानी अपनी किसी प्रिय सखी से गोपनीय वार्तालाप में लगी थीं.
आगमन की सूचना दिए बिना राजा भोज का इस प्रकार महल के अंतरंग कक्ष में आना रानी को अच्छा न लगा. रानी ने राजा भोज को बिना किसी प्रकार का संबोधन और आदर सत्कार किए ही कहा- आइए मूर्खराज!
राजा बड़ा विस्मित और आश्चर्यचकित हुआ और बिना किसी प्रतिवाद के और ऐसा कहने का कारण जाने बिना ही लौट भी गए. राजा सोचने लगे कि आखिर इतनी गुणवती रानी ने मुझे मूर्खराज क्यों कहा? रानी का ऐसा कहना कोई न कोई गूढ़ अर्थ रखता है.
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आपके शुभ वचनों के लिए हृदय से कोटि-कोटि आभार.
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