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च्यवन ने नहुष को बताया कि अपनी तपस्या से अमृत जैसा उपयोगी रसायन बनाया है. उन्होंने रसायन की विधि नहुष को दे दी ताकि वह प्रजा के कष्ट दूर कर सकें. वही रसायन च्यवनप्राश कहा जाता है.
(महाभारत की कथा)
संकलन व संपादनः राजन प्रकाश
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