आज हम रोज की तरह कोई भगवत् कथा न देकर, सूर्य आराधना की विधियां लेकर आए हैं क्योंकि वर्ष का प्रथम रविवार है. 10 दिनों में सूर्य अपना आयन बदलने वाले हैं.
एप्प को बनाने के पीछे बड़ा उद्देश्य है आपको हिंदुत्व से जोड़े रखना, पूजा-पाठ की उन विधियों को पहुंचाना जिन्हें निभाना सरल है और जो बड़ी लाभदायक हैं.
सूर्य आराधना क्यों?
भगवान सूर्य को वेदों में आरोग्य, आयु, धन, धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, कान्ति, विद्या, वैभव और सौभाग्य प्रदान करने वाला देव बताया गया है.
रविवार भगवान सूर्य का दिन है. इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है.
तांबे के पात्र में लाल चन्दन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए जल अर्पण करना चाहिए. कुछ और न हो तो कम से कम जल तो अर्पण करें ही.
भगवान सूर्य सबसे तेजस्वी और कांतिमय हैं. इसलिए सूर्य आराधना से सुंदरता और तेज की प्राप्ति भी होती है. कन्याओं को खासतौर पर रविवार को जल देना चाहिए.
ह्रदय रोगी अगर आदित्य ह्रदय स्तोत्र का नित्य पाठ करें तो बहुत लाभ होता है.
आज आप मीठा भोजन अवश्य करें एवं घर के सभी सदस्यों को भी इसके लिए प्रेरित करें. गुड़ से यदि सूर्य को भोग लगाकर उसका सेवन करें तो सबसे उत्तम है.
ज्योतिष विज्ञान में सूर्य को राजपक्ष अर्थात सरकारी क्षेत्र एवं अधिकारियों का कारक ग्रह बताया गया है.
इसलिए राजनीति या सरकारी क्षेत्र में सफलता, शीर्ष करियर एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में उन्नति के लिए भी सूर्य को प्रसन्न करना लाभदायक होता है.
सूर्य आराधना कैसे?
मनोवांछित फल पाने के लिए सुबह उठते ही निम्न मंत्र का उच्चारण करें. यदि सूर्य के दर्शन करके पाठ करें तो सर्वोत्तम, लेकिन यदि दर्शन नहीं हो रहे तब भी इस मंत्र का पाठ कर सकते हैं.
प्रातः आराधना मंत्रः
।।ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्त्र किरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
स्नान करने के बाद एक लोटा जल लेकर नीचे लिखे मंत्रों में से किसी भी मंत्र को पढ़ते हुए सूर्यदेव को जल जरूर दें.
ध्यान रहे नमकीन वस्तु खाने के बाद जल न दें. अगर मीठा खाया हो या चाय वगैरह पी हो तो भी जल दे सकते हैं.
जल देने का मंत्रः
ॐ घृणि सूर्याय नम:।।
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।।
ॐ ह्रीं घृणि सूर्य आदित्य श्रीं ओम्।
ॐ आदित्याय विद्महे मार्तण्डाय धीमहि तन्न सूर्य: प्रचोदयात्।
ऊं घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
विनतीः आपका एप्प कल से और ज्यादा उपयोगी बनकर नए स्वरूप में आ रहा है. पूरा विश्वास है कि यह आपको बेहतर और ज्यादा उपयोगी लगेगा.
आप इसे सोमवार को google play store में क्लिक करके update कर लें.
संकलन व प्रबंधन: प्रभु शरणम् मंडली