free-weekly-rashifal
प्रभु शरणं के पोस्ट की सूचना WhatsApp से चाहते हैं तो अपने मोबाइल में हमारा नंबर 9871507036 Prabhu Sharnam के नाम से save कर लें। फिर SEND लिखकर हमें उस नंबर पर whatsapp कर दें।
जल्दी ही आपको हर पोस्ट की सूचना whatsapp से मिलने लगेगी।
अब आप बिना इन्टरनेट के व्रत त्यौहार की कथाएँ, चालीसा संग्रह, भजन व मंत्र , श्रीराम शलाका प्रशनावली, व्रत त्यौहार कैलेंडर इत्यादि पढ़ तथा उपयोग कर सकते हैं.इसके लिए डाउनलोड करें प्रभु शरणम् मोबाइल ऐप्प.
Android मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
iOS मोबाइल ऐप्प के लिए क्लिक करें
एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों और ज्योतिष प्रेमियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था. इसलिए मैं राजा बना किन्तु उसी मुहूर्त में अनेक जातकों ने जन्म लिया होगा जो राजा नहीं बन सके क्यों?

राजा के इस प्रश्न से सब निरुत्तर हो गए.एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके भाग्य अलग अलग क्यों हैं. सब सोच में पड़ गये. अचानक एक वृद्ध खड़े हुये और बोले- महाराज आपके प्रश्न का उत्तर एक महात्मा ही दे सकते हैं जो दूर वन में रहते हैं.

राजा की जिज्ञासा बढ़ी. पता जानकर वह जंगल पहुंचा तो देखा एक महात्मा आग के ढेर के पास बैठकर अंगार (दहकता कोयला) खाने में व्यस्त हैं. सहमे हुए राजा ने महात्मा से जैसे ही प्रश्न पूछा महात्मा चीखने लगे.

महात्मा बोले- तेरे प्रश्न का उत्तर देने के लिए मेरे पास समय नहीं मैं भूख से पीड़ित हूं। तेरे प्रश्न का उत्तर यहां से कुछ आगे पहाड़ियों के बीच एक और महात्मा हैं वे दे सकते हैं।
शेष अगले पेज पर. नीचे पेज नंबर पर क्लिक करें.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here